अवध क्षेत्र के अदब और तहजीबों से भरे इतिहास को अपनी गोद में समाहित करने वाली गोमती नदी जो अपने सदानीरा स्वाभाव के लिए जानी जाती थी, आज मानवीय लालच के अधीन होकर स्वयं अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रही है. गोमती सदियों से अपनी लहरों में धार्मिक सद्भावना, परंपरागत लोक इतिहास तथा सदियों की अध्यात्मिक उन्नतियों की अठखेलियों को दृष्टिगोचर करती आई है. नदी क्षेत्र के सभी जिलों मसलन; लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, हरदोई, सुल्तानपुर, जौनपुर इत्यादि से भी गोमती का कोई न कोई ख़ास सांस्कृतिक नाता जुड़ा हुआ है, परन्तु आज इन जिलों में गोमती या तो प्रदूषण के चलते दम तोड़ रही है या फिर अतिक्रमण, अवैध खनन, प्रशासनिक लापरवाही आदि के चलते नदी विभिन्न स्थानों पर सूख चुकी है.
गोमती सेवा समाज इन्हीं समस्याओं के प्रति आम जन और प्रशासन का ध्यान केन्द्रित कराने के मंतव्य से “गोमती यात्रा” का आयोजन करता आ रहा है. “गोमती बचाओ अभियान” के अंतर्गत की जाने वाली इन पद यात्राओं के जरिये टीम गोमती सेवा समाज न केवल गोमती नदी के संवर्धन का प्रयास करती है, अपितु साथ ही नदी किनारे पौधारोपण, घाटों पर स्वच्छता अभियान, जागरूकता अभियान एवं पद यात्राओं आदि के माध्यम से भी गोमती को निर्मल बनाने की पहल भी की जाती रही है.
हाल ही में गोमती नदी की समस्याओं का जमीनी स्तर पर अवलोकन
करने के उद्देश्य से गोमती सेवा समाज ने आठवीं गोमती पद यात्रा का आयोजन किया,
जिसके अंतर्गत 11 सदस्यी टीम ने वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर श्री सतपाल सिंह जी के
अगुवाई में पैदल यात्रा की. अमरी देवी घाट से जंगलीनाथ तक की गयी इस पद यात्रा में
विभिन्न स्थानों पर गोमती की वास्तविक स्थिति का अवलोकन किया गया.
मोहम्मदी क्षेत्र से कुछ युवाओं की टीम अनवरत रूप से गोमती
नदी के संरक्षण-संवर्धन के लिए विभिन्न अवसरों पर घाटों पर साफ सफाई, पौधारोपण अभियान, गोमती यात्राएं व
जागरुकता अभियान चला रही है. साथ ही अपनी यात्राओं की श्रृंखला को विस्तार देते
हुए की गयी इस आठवीं यात्रा के माध्यम से लगभग मरणासन्न गोमती नदी की वर्तमान
स्थिति को जानने के प्रयास किये गए.
यात्रा के दौरान टीम ने पाया कि पिछले वर्ष जून माह में
गोमती नदी की जो स्थिति थी, उसमें इस वर्ष भी जून माह तक कोई सुधार नहीं हुआ बल्कि
स्थितियां और अधिक बिगड़ गयी हैं.
टीम गोमती की ओर से अपने विचार साझा करते हुए अध्यापक एवं
गोमती सेवा समाज सचिव श्री मनदीप सिंह ने बताया कि,
“इस वर्ष गोमती नदी की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में कई गुना अधिक खराब है और यदि जल्द गोमती नदी को बचाने के लिए शासन-प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाये, तो गोमती नदी इतिहास बनकर रह जाएगी. जिस प्रकार पडोसी जिले शाहजहाँपुर की पुवायां तहसील में पन्नघाट पर गोमती संरक्षण के लिए प्रशासन ने कुछ सख्त उठाते हुए गोमती नदी के चौड़ीकरण व पौधरोपण का कार्य प्रारम्भ किया है, यदि ऐसा ही प्रत्येक जिले एवं तहसील में किया जाए तो गोमती नदी को संरक्षित किया जा सकता है.”
टीम के ही अन्य सदस्य श्री अनूप बाजपेयी ने जनता से अपील
करते हुए कहा कि,
“बिना आम जनमानस के सहयोग के इतनी बड़ी नदी को बचाया नहीं जा सकता, गोमती को बचाने के लिए आज जनता को आगे आना होगा और नदी-संरक्षण की दिशा में पहल करनी होगी.”
प्रसिद्ध वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर सतपाल सिंह ने गोमती की वर्तमान स्थिति को दृष्टिगोचर करते हुए कहा कि,
“जैसा व्यवहार हम प्रकृति के साथ करेंगे, ठीक वैसा ही व्यवहार प्रकृति हमारे साथ करने वाली है. इसलिए हमें जल, जमीन, जंगल से अच्छा व्यवहार करना चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को हमारे प्रकृति विरुद्ध कार्यों का परिणाम न भोगना पड़े.”
गोमती पद यात्रा के इस शुभ अवसर पर टीम गोमती के संयोजक
सतपाल सिंह, सचिव मंदीप सिंह के साथ साथ बक्शीश सिंह, ओ. पी. मौर्या, अनूप बाजपेयी, प्रियांशु
त्रिपाठी, गौरव मिश्रा, रजत दीक्षित, आयुष
मौर्या के साथ साथ अन्य गोमती मित्र उपस्थित रहे तथा गोमती यात्रा के जरिये आम जन
को जागरूक करने में अपना योगदान अंकित किया.
हम आपके प्रकृति प्रेम को नमन करते हैं। गोमती नदी के लिए आपकी पहल सराहनीय।