प्रकृति को करीब से जानने और गोमती नदी की समस्याओं का बेहतर अवलोकन करने के उद्देश्य से गोमती सेवा समाज विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में संलग्न रहता है. इसी श्रृंखला में गोमती सेवा समाज के सौजन्य में बहुत सी गोमती यात्राओं का आयोजन किया जा चुका है. यात्राओं के इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए टीम गोमती सेवा समाज बरबर, औरंगाबाद पुल एवं मैगलगंज होते हुए मढ़ियाघाट स्थित ऐतिहासिक स्थान पराशर मंदिर पहुंची.
P.C. Priyanshu Tripathi (Gomti Sewa Samaj)
गोमती तट पर स्थित मढ़ियाघाट कस्बा मैगलगंज से पांच किमी की दूरी पर है, यहां पर गोमती पश्चिम से आकर कोण बनाती हुई उत्तर को बहने लगती है, बाद में कोण बनाते हुए पूर्व फिर दक्षिण की ओर मुड़ जाती है, अन्यत्र कहीं ऐसा देखने को नहीं मिलता, यहां तीनों मोड़ों पर घाट हैं. महाभारत काल के दौरान मढ़ियाघाट पर ऋषि पाराशर नाथ ने 88 हजार ऋषियों के साथ रहकर तप किया था तथा यहां मंदिर में शटलिंग की स्थापना की, जिसका रंग भूरा और काला है. धार्मिक रूप से विख्यात मढ़िया घाट पर प्रत्येक सोमवार और अमावस्या को मेला लगता है.
अपनी यात्रा के पड़ाव के अन्तर्गत टीम गोमती सर्वप्रथम औरंगाबाद पुल पर रुकी. यहां जलधार तो है पर धीमी पड़ चुकी है. अतिक्रमण की समस्या यहां भी अन्य स्थानों की भांति बढ़ी हुई है. इसके उपरांत पुल पर कुछ समय रुकने के पश्चात टीम मैगलगंज एवं नये गांव के रास्ते से प्रसिद्ध पराशर मन्दिर पहुंचे, जो मैगलगंज से 6 किमी की दूरी पर स्थित है. पराशर मन्दिर पर गोमती नदी उत्तरायणी हो जाती है अर्थात थोड़ी दूरी उत्तर दिशा में तय करती है.
अन्य
घाटो की ही भांति मढ़ियाघाट पर भी प्रदूषण बड़ी समस्या है. विभिन्न धार्मिक
आयोजनों पर यहां आते हैं तथा विभिन्न रुपो में प्रदूषण छोड़ जाते हैं. मढ़ियाघाट
वनक्षेत्र नहीं होने पर भी अपनी सुन्दरता के चलते पर्यटकों के मध्य खासा लोकप्रिय
है, जहाँ शाम शांत होती है.
साथ
ही बहुत से दुर्लभ प्रजाति के पक्षी यहां विहार करते रहते हैं. मढ़ियाघाट पर भ्रमण
एवं फोटोग्राफी कर गोमती सेवा समाज की टीम ने गोमती की समस्याओं का जायजा लिया और
साथ ही उनके कारणों को जानने का प्रयास कर लोगों में पर्यावरण संरक्षण की प्रवृति
को बढ़ावा दिया.
इस संक्षिप्त यात्रा में विश्व प्रसिद्ध वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर सतपाल सिंह के साथ टीम के सदस्यों में मनदीप सिंह, अध्यापक योगेश वर्मा, अमन चौहान, प्रियांशु त्रिपाठी, दिवाकर चौहान व आयुष भदौरिया शामिल रहे.