प्रकृति का स्वच्छंद स स्वरूप हम मनुष्यों के लिए प्रफुल्लित जीवन जीने का निश्चल सार है। प्रकृति ने हमें जीने के लिए जल, जंगल, नदियां, पर्वत, शुद्ध वायु जैसी तमाम नेमतें दी हैं और इस अनमोल खजाने के लिए बदले में कुदरत हमसे एक रुपया भी वसूल नहीं करती, किंतु अपने स्वार्थवश मनुष्य जाति इस विराट संपदा को नष्ट करने पर आमदा है।
प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने वालों की संख्या आज लगातार बढ़ती जा रही है, कहीं ओपन कास्ट माइनिंग के जरिए जंगलों को उजाड़ा जा रहा है, तो कहीं नदियों से अवैध रेत खनन कर उनके प्राकृतिक परिवेश को बर्बाद किया जा रहा है और धर्म के नाम पर नदियों के किनारे होने वाले क्रियाकलाप भी इन जल इकाइयों की सुंदरता पर ग्रहण लगा रहे हैं।
इन सभी के बीच आज भी कुछ हाथ ऐसे हैं जो प्रकृति को उजाड़ने नहीं बल्कि उसका संरक्षण करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में नाम आता है गोमती सेवा समाज का, जो लंबे समय से गोमती के विभिन्न घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाकर समाज में जागरूकता ला रहा है। ऐसा ही कुछ क्रिसमस डे पर देखने को मिला, जहां मोहम्मदी क्षेत्र की ग्राम पंचायत मियांपुर कॉलोनी के पास स्थित विवेकानंद घाट (इमलियाघाट) पर नन्हें सेंटा क्लाउजिज ने नदी को स्वच्छ बनाने का जिम्मा उठाया।
प्रकृति -पर्यावरण के प्रति लोगों में अलख जाने के उद्देश्य से टीम गोमती सेवा समाज ने विवेकानंद घाट (इमलियाघाट) पर विभिन्न विद्यालय के बच्चों के साथ साफ -सफाई अभियान चलाया। आदिगंगा गोमती लखनऊ सहित क्षेत्र की लाइफलाइन कही जाती है, विडंबना है कि यह सदैव से लोगों व सरकार एवं सरकारी तंत्र की उपेक्षा का शिकार रही है। क्रिसमस डे के अवसर पर गोमती संरक्षण अभियान के अन्तर्गत गोमती सेवा समाज की ओर से सर्वप्रथम घाट पर सफाई अभियान चलाया गया।
बताते चलें कि पूर्व में कार्तिक पूर्णिमा के पावन मौके पर मेले का आयोजन वर्षों से हो रहा है, जिसमें लोग घाट पर अत्याधिक कूड़ा करकट फेंक जाते हैं। साफ सफाई अभियान के बाद घाट पर पूर्व में रोपित पौधों का निरीक्षण भी गोमती सेवा समाज के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर टीम गोमती की ओर से टीम के अध्यक्ष व कवि प्रशांत मिश्रा, उपसचिव व फिल्ममेकर पत्रकार बक्शीश सिंह, टीम संयोजक व पत्रकार फिल्ममेकर ओपी मौर्य, वरिष्ठ सदस्य अनूप वाजपेयी आदि के साथ स्कूल के छात्र छात्राएं भी उपस्थित रहे और गोमती को स्वच्छ व अविरल बनाने का संकल्प लिया।